ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया ने दिया सन्देश :  पीओपी के बदले मिट्टी या गोबर से बनी गणेश व दुर्गा मूर्ति को अपनाएं

Featured Latest आसपास छत्तीसगढ़ प्रदेश

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्लास्टर ऑफ पेरिस द्वारा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का जानकारी दी

गीदम/दंतेवाड़ा : पौराणिक कथा के अनुसार मिट्टी से बनी मूर्ति में भगवान गणेश जी, मां दुर्गा, काली माता, लक्ष्मी माता, सरस्वती माता का वास होता है। मिट्टी के बने हुए गणेश जी से माँ लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं साथ ही मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा करने से कई यज्ञों का फल मिलता है। ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया के द्वारा पर्यावरण सरंक्षण अभियान के तहत भगवान गणेश जी की मिट्टी या गोबर से बनी मूर्ति को पूजा करने की अपील किया गया है। क्योंकि मिट्टी में पांच तत्व होते हैं। भूमि, अग्नि, जल, वायु और आकाश यह सब एक मिट्टी में होते हैं।

ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही ने कहा कि मिट्टी की मूर्ति से पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है। भगवान गणेश, मां दुर्गा की प्लास्टर ऑफ पेरिस पीओपी से बनी मूर्ति पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है, जबकि मिट्टी से बनी मूर्ति पर्यावरण को संरक्षण देती है। इसलिए सभी को ईको फ्रेंडली मिट्टी की मूर्ति लेकर ही विराजमान करनी चाहिए। ताकि पूजा अर्चना के बाद विसर्जन करने पर पर्यावरण सुरक्षित रहे। इसके प्रति सभी लोगों को जागरूक आना चाहिए।

ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया के डायरेक्टर तथा सीओओ अमुजुरी विश्वनाथ ने बताया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा पारित आदेश के तहत पर्यावरण एवं जल संरचनाओं को प्रदूषण से बचाने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों को प्रतिबंधित किया है। परंतु पर्यावरण के विरुद्ध बाजार में प्लास्टर ऑफ पेरिस का मूर्तियां उपलब्ध हो रहा है। यह गंभीर मामला है जिससे पर्यावरण, जानवर तथा मानव को भी प्रदूषण के माध्यम से नुकसान पहुंचाता है। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी स्थिति में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का क्रय विक्रय नहीं हो। लोग सालभर शादी, विवाह, घर, मकान मुहूर्त सहित अन्य शुभ कार्यों में भगवान गणेश को पूजा करते है, वहा मिट्टी या गोबर से बनी मूर्ति को ही पूजा करनी चाहिए।

विज्ञान व प्रदौगिकी विभाग, भारत सरकार के भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था से जुड़े अमुजुरी विश्वनाथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह भी जानकारी दिया कि प्लास्टर ऑफ पेरिस से पर्यावरण को नुकसान होता है जैसे कि पीओपी जल को प्रदूषित कर उसमें व्याप्त आक्सीजन को कम कर देता है। पानी धुंधला हो जाने के कारण जलीय वनस्पतियां प्रकाश संश्लेषण नहीं कर पाती। इससे जलीय जीव आक्सीजन के कम हो जाने जलीय वनस्पतियां समाप्त हो जाने के कारण काल का ग्रास बन जाते हैं।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *