90 डिग्री ब्रिज को लेकर सीएम मोहन यादव का बड़ा एक्शन, 8 इंजीनियर सस्पेंड, निर्माण एजेंसी ब्लैकलिस्ट की गई

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भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित ऐशबाग आरओबी (90 डिग्री एंगल वाला ब्रिज) को लेकर सीएम मोहन यादव ने बड़ा एक्शन लिया है. लोक निर्माण विभाग के 8 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही ब्रिज के निर्माण में शामिल एजेंसी को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. इसके अलावा दो सेवानिवृत्ति अभियंताओं की जांच के आदेश दिए गए हैं.

सीएम मोहन यादव ने किया ट्वीट

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही में मैंने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिये थे. जांच रिपोर्ट के आधार पर लो.नि.वि. (लोक निर्माण विभाग) के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है. दो सीई सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जायेगी.

सीएम ने पोस्ट में आगे लिखा कि इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाइन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैकलिस्ट किया गया है. आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गयी है. सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा.

3 बार बदला गया था डिजाइन

ऐशबाग आरओबी (90 डिग्री एंगल ब्रिज) की जांच रिपोर्ट शनिवार यानी 28 जून को सामने आई. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिज का डिजाइन तीन बार बदला गया. इसमें बताया गया है कि ये इसे 30 डिग्री पर बनाना तय हुआ था, इसके बाद 45 डिग्री पर बनाने का प्रस्ताव रखा गया. आखिरकार इसे 90 डिग्री के एंगल पर बनाया गया.

डिजाइन में बदलाव के बाद होगा उद्घाटन

भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने कहा था कि इस ब्रिज की डिजाइन में बदलाव के बाद ही इसका उद्घाटन किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि इस पुल का निर्माण मेरे CM बनने से पहले से हो रहा है. अभी तक ब्रिज का उद्घाटन भी नहीं हुआ है. इसलिए मैंने इसमें सुधार की बात कही है.’ सीएम ने जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद ये कार्रवाई की गई.

ब्रिज की लागत 18 करोड़ रुपये

इस ब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरी तरह से नहीं बन सका है. इसकी लागत 18 करोड़ रुपए है. ब्रिज की लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है, इसका 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है.

ये सुधार कार्य भी करने होंगे

पूरे ब्रिज पर जगह-जगह ट्रांसफर बार मार्किंग लगाना होंगी. सुपर एलिवेशन देना होगा, जिससे गाड़ी आरओबी के भीतर की तरफ झुके. स्पीड लिमिट के साइन बोर्ड लगाना पड़ेंगे. सड़क पर भी स्पीड लिमिट की चेतावनी भी लिखनी होगी. लाइटिंग बहुत ज्यादा जरूरी है, डेलिनेटर्स लगाने होंगे. इसके साथ ही पैराफिट वॉल पर पेंटिंग ब्लेक-व्हाइट स्ट्रिप्स की पेंटिंग करना होगी.

ब्रिज की डिजाइन को लेकर लोगों ने बनाए थे मीम

भोपाल के 90 डिग्री वाले इस ब्रिज की जमकर सुर्खियां बनी थीं. सोशल मीडिया पर इस ब्रिज के बारे में खबरें जमकर वायरल हुई थीं. लोग तरह-तरह के मीम बना रहे थे. फोटो पोस्ट करने के साथ ही लोग मजेदार कमेंट्स किए थे. कोई कह रहा था ‘टेक्नोलॉजिया’, तो किसी ने इसे मौत के एंगल वाला ब्रिज बताया था.

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