नक्सलवाद को बड़ा झटका, अंतागढ़ में 21 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 13 महिला और 08 पुरुष नक्सली शामिल

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कांकेर : छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है. हाल ही में 210 नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण के बाद अब फिर से बड़ी संख्या में नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं. आज अंतागढ़ में 21 नक्सलियों ने सरेंडर किया है.

आज अंतागढ़ में कुल 21 माओवादी कैडरों ने, जिनके पास 18 हथियार थे, समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण किया है. ये सभी केशकल डिवीजन (नॉर्थ सब ज़ोनल ब्यूरो) के कुएमारी/ किसकोडो एरिया कमेटी से संबंधित हैं, जिनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल हैं.

13 महिला और 08 पुरुष नक्सली शामिल

इन 21 कैडरों में 04 डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), 09 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 08 पार्टी सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया है. आत्मसमर्पण करने वालों में 13 महिला कैडर और 08 पुरुष कैडर हैं, जिन्होंने सशस्त्र और हिंसक विचारधारा से स्वयं को अलग कर शांति और प्रगति के मार्ग को अपनाया है

इसके पहले 210 नक्सलियों ने किया था सरेंडर

बता दें कि इसके पहले 17 अक्टूबर को बस्तर पुलिस लाइन ग्राउंड में 210 नक्सलियों ने सामूहिक सरेंडर किया था. इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी सरेंडर नक्सलियों का फूलों और संविधान की पुस्तक के साथ स्वागत किया गया. मुख्यमंत्री सीएम साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा और डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी इसका हिस्सा बनकर नक्सलियों का स्वागत किया था.

इस मौके पर वरिष्ठ माओवादी नेताओं सहित केंद्रीय समिति सदस्य रुपेश उर्फ सतीश, भास्कर उर्फ राजमन मंडावी, रनिता, राजू सलाम, धन्नू वेट्टी उर्फ संतू और क्षेत्रीय समिति सदस्य रतन एलम ने भी आत्मसमर्पण किया था. उन्होंने 153 हथियार भी सुरक्षा बलों को सौंपे थे, जिनमें 19 AK-47, 17 SLR, 23 INSAS, 1 INSAS LMG, 36 .303 राइफलें, 4 कार्बाइन और 11 बैरल ग्रेनेड लॉन्चर शामिल थे.

स्थानीय लोगों ने किया स्वागत

स्थानीय लोगों ने भी सरेंडर करने वाले नक्सलियों का स्वागत किया और कहा कि इससे गांवों में शांति और विकास के नए अवसर खुलेंगे. सुरक्षा एजेंसियां ​​लगातार नक्सल विरोधी अभियानों को मजबूत कर रही हैं और मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को प्रोत्साहित करने के लिए सामुदायिक जुड़ाव की पहल भी तेज कर रही हैं. यह घटना नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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