राजिम। छत्तीसगढ़ का अपना कुंभ है राजिम कुम्भ ! इसे छत्तीसगढ़ का प्रयागराज भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार इसे खूब महत्व देती रही हैं और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र भी रहा है। देशभर से साधु जुटते हैं। लाखों लोग अपने कुंभ में ध्यान-स्नान के लिए जमा होते हैं। ऐसा साल दर साल होता रहा है। लेकिन इस बार तस्वीर थोड़ी अलग है। लाखों की भीड़ हजारों में दिख रही है। खासतौर पर दिन में दुकानदार खरीदारों के लिए तरस गए हैं। शाम को थोड़ी रौनक होती है। लेकिन पहले जैसी बात नहीं दिखती। इसके कई कारण हैं। वैसे प्रशासन ने तैयारियां खूब की हैं।
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान से आएं हैं दुकानदार
मध्यप्रदेश के भोपाल और राजस्थान के लोहार मीना बाजार लाइन में लोहे की कढ़ाई, तवा आदि की दुकान लगाए हैं। कहते हैं मेले का नाम बहुत है। लोग भी आते हैं, लेकिन संख्या अभी कम है।
कई कारणों से राजिम कुंभ कल्प फीका
छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम के कुंभ मेले में 15 से 25 लाख लोग यहां पहुंचते थे। इस बार कुछ ऐसे कारण हुए हैं जिसकी वजह से भीड़ कम नजर आ रही है। दिन की गर्मी मार्च और अप्रैल जैसी हो गई है। लोग दिन में आने से बच रहे हैं। छात्रों की परीक्षाएं चल रही हैं। किसान रबी फसल लगाए हुए हैं और पंचायत चुनाव हो रहा है। स्थानीय स्तर पर मेला क्षेत्र नवापारा शहर के नेहरू गार्डन के पास लगाया गया है।
पंडित जवाहर लाल नेहरू पुल क्रास करने पर पंडित श्यामाचरण शुक्ल चौक में बेरिकेटिंग, रेस्ट हाऊस मार्ग में बेरिकेटिंग, व्हीआईपी मार्ग में बेरिकेटिंग, बस स्टेण्ड में बेरिकेटिंग, नए मेला मैदान में कई लेयर में बेरिकेटिंग, कार्यक्रम स्थल के गेट नं 1-2 में पुलिस का सख्त पहरा है। चौबेबांधा पुल के पहले और पुल के बाद बेरिकेटिंग यहां पर मेला जाने के मार्ग में बेरिकेटिंग।