रायपुर। छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओ के चुनाव के लिए तीन चरणों में होने वाला मतदान 17,20 और 23 फरवरी को होगा, लेकिन इन चुनाव के पहले ही पंच, सरपंच, जनपद पंचायत और जिला पंचायत सदस्य पदों के चुनाव के लिए अभ्यर्थी अपने एक-एक पोलिंग एजेंट नियुक्त करेंगे। राज्य में कुल मिलाकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत 433 जिला पंचायत सदस्य, 2973 जनपद पंचायत सदस्य, 11 हजार 672 ग्राम पंचायत सरपंच और 1 लाख 60 हजार 180 ग्राम पंचायत पंच का चुनाव होगा। यानी पौने दो लाख से अधिक पोलिंग एजेंट भी मतदान केंद्र में तैनात रहेंगे।
खास बात ये है कि, इन पोलिंग एजेंट के हिस्से का पहला काम मतदाताओं की सही पहचान करना, प्रतिरूपण (फर्जी मतदान) करने वालों को बेनकाब करना और इस कार्य में पीठासीन अधिकारी की सहायता करना है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पोलिंग एजेंट के कामकाज के संबंध में बताया है कि इनके प्रमुख कार्य और कर्तव्य क्या हैं। मतदान अभिकर्ता को ऐसे किसी व्यक्ति की अनन्यता के बारे में आपत्ति करने का हक है जिसे वह जानता है कि यह सही व्यक्ति नहीं है। लेकिन आयोग ने ये भी साफ किया है कि एजेंट को गैर-जिम्मेदाराना ढंग से अभ्याक्षेप नहीं करना चाहिए इससे न केवल किसी वास्तविक मतदाता को क्षोभहोगा वरन् मतदान सुचारू रूप से चलने में बाधा भी पड़ेगी।
कोई दूसरा वोट डाल दे तो क्या करना होगा
यदि कोई व्यक्ति स्वयं को मतदाता बताते हुए मतपत्र की मांग करे तथा निर्वाचक नामावली को देखने से यह पता लगे कि उस नाम से कोई अन्य व्यक्ति पहले ही मतदान कर गया है तो पीठासीन अधिकारी ऐसे व्यक्ति से पूछताछ करेगा तथा यह संतुष्टि हो जाने पर कि उपस्थित व्यक्ति वास्तविक मतदाता है, उसे एक मतपत्र देगा। ऐसे मतपत्र (जिसे निविदत्त मतपत्र कहते हैं) उस मतदान केन्द्र पर उपयोग हेतु दिए गए मतपत्रों के बंडल में से आखिरी अनुक्रमांक का मतपत्र होगा। मतदाता द्वारा (मतदान कोष्ट में जाकर) ऐसे निविदत्त मतपत्र पर अपना मतांकन करने के बाद उसे मतपेटी में नहीं डाला जाएगा बल्कि मोडकर पीठासीन अधिकारी को सौंप दिया जाएगा जो कि उसे इस प्रयोजन के लिए विशेष रूप से दिए गए लिफाफे में रखेगा। जिस व्यक्ति को निविदत्त मतपत्र दिया गया है उसका विवरण निविदत्त मतपत्रों की सूची में दर्ज करके सूची में उसके हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लिया जाएगा।
मतदाता को पहचानना जरूरी
मतदाता सूची यानि निर्वाचक नामावली में किसी मतदाता के सम्बन्ध में प्रविष्टियां कभी-कभी गलत मुद्रित हो जाती है या वे पुरानी रहती है। आयु, मकान नम्बर आदि से सम्बन्धित प्रविष्टियों में ऐसी त्रुटियां बहुधा पाई जाती है। मतदान अभिकर्ता को ऐसी लिपिकीय या मुद्रण त्रुटियों को अनदेखा करना चाहिए और यदि वह मतदाता के पहचान के बारे में अन्यथा संतुष्ट है, तो उसे आपत्ति नहीं कर सकते। यदि किसी मतदान अभिकर्ता के पास, निर्वाचक नामावली में शामिल मृत या गांव छोड़कर जा नामावली में शामिल मृत या गांव छोड़कर जा चुके व्यक्तियों की सूची हो तो उसे चाहिए कि वह मतदान के दिन केन्द्र पर ऐसी सूची की एक प्रति लेकर आए। इससे मृत और अनुपस्थित मतदाताओं के नाम पर मत डालने के लिए आने वाले फर्जी मतदाताओं को हतोत्साहित करने में सहायता मिलेगी और प्रतिरूपण की दुःस्साहसिक घटनाओं पर अंकुश लगेगा।
ऐसे होती है मतदान अभिकर्ता की नियुक्ति
कोई भी अभ्यर्थी या उसका निर्वाचन अभिकर्ता, उसके वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिये एक मतदान अभिकर्ता नियुक्त कर सकता है। लेकिन एक ही समय पर किसी भी मतदान केन्द्र के भीतर अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता या उसके मतदान अभिकर्ता में से केवल एक व्यक्ति उपस्थित रह सकता है। जब कभी कोई मतदान अभिकर्ता बाहर जाए तब उसके स्थान पर एवजीदार (स्थानापन्न) अभिकर्ता आ सकता है।