वर्दी वाला ठग बर्खास्त : फेक आईडी बनाकर कई लोगो से करोड़ो ठग लिए, गंभीर धाराओ में गिरफ्तारी

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बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में पुलिस ने सायबर अपराध के मामले में एक आरक्षक को गिरफ्तार किया है। पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने वाले एक गंभीर प्रकरण में जिला सारंगढ़- बिलाईगढ़ में पदस्थ पुलिस आरक्षक हेमंत नायक को गिरफ्तार कर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इस मामले में आरक्षक पर फर्जी ईमेल आईडी बनाकर बैंकिंग संबंधित कार्यों में लोगों से अवैध रूप से धन वसूली करने काआरोप सिद्ध हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार, 03 जुलाई 2024 को एक शिकायत आवेदन की. जाँच में यह तथ्य सामने आया कि आरक्षक हेमंत नायक ने अपनी पूर्व पदस्थापना अवधि के दौरान जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में विभिन्न आवेदकों से खाता फ्रीज-डीफ्रीज कराने के नाम पर पैसे वसूले थे। इसके अतिरिक्त, उसके विरुद्ध इसी प्रकार के अन्य धोखाधड़ी के मामलों में भी शिकायतें प्राप्त हुई थीं। शिकायतों की प्रारंभिक जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने पर, पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सिटी कोतवाली थाना प्रभारी को अपराध पंजीबद्ध कर जांच आरंभ करने के निर्देश दिए गए।

इन धाराओं के तहत केस हुआ दर्ज

थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 670/2025 धारा 166, 419, 409, 384 भादवि एवं 66c, 66d आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई। जांच में यह भी पता चला कि हेमंत नायक ने पुलिस विभाग की फर्जी पहचान ई मेल (आईडी) का उपयोग करते हुए संबंधित व्यक्तियों को ठगने का कार्य किया था। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने अपने अपराध को स्वीकार किया कि यह कार्य बलौदाबाजार-भाटापारा पदस्थापना के दौरान किया गया। इसके पश्चात उसे विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण की जांच विवेचना प्रचलित है। आरक्षक हेमंत नायक के आचरण को पुलिस सेवा के प्रतिकूल एवं गंभीर अपराध मानते हुए उसे तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

साइबर सेल टेक्निकल टीम का सदस्य था आरोपी

इस मामले में पुलिस द्वारा अब तक कितने रुपए की ठगी की गई है इस बात का खुलासा नहीं किया गया है। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि आरक्षक द्वारा 2 से 3 करोड रुपए की वसूली की गई है। पूर्व में आरक्षक साइबर सेल टेक्निकल टीम का सदस्य था, सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब 2 साल पूर्व कि यह बात है तो बलौदा बाजार पुलिस उसे इतनी देरी से क्यों गिरफ्तार की इस ठगी के पीछे किसी अन्य का भी सहयोग से इनकार नहीं किया जा सकता एक सामान्य आरक्षक इतनी बड़ी ठगी को अंजाम दे सकता है यह बात संदेह के घेरे में आता है।

कार दर्ज कर किया गया गिरफ्तार- एसपी

बलौदाबाजार पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने कहा कि अभी जांच जारी है। अब तो जांच से पता चलेगा कि, आरक्षक द्वारा कितने रकम की अवैध वसूली की गई है। आरोपी के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा विभागीय कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया है।

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