कार्यशाला : नशे के बढ़ते मामलों पर चर्चा, विवेचना और अभियोजन में त्रुटियों पर किया गया ध्यान केन्द्रित

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बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान मादक पदार्थों से संबंधित प्रकरणों की विवेचना और अभियोजन में त्रुटियों पर चर्चा की गई। कार्यशाला का इसका मुख्य उद्देश्य एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) अधिनियम के तहत मामलों में दोषियों को शत-प्रतिशत सजा दिलाने की प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ पुलिस अधीक्षक के उद्बोधन से हुआ, जिन्होंने प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला और उपस्थित अधिकारियों एवं विवेचकों को सत्र का अधिकतम लाभ लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस मामलों में विवेचना के दौरान प्रक्रियात्मक त्रुटियां दोषियों को लाभ पहुंचा सकती हैं, जिन्हें दूर करना आवश्यक है। वहीं न्यायधीश और एसपी ने मादक पदार्थ विवेचना के संबंध में जानकारी दी।

नशे की मांग को नियंत्रित करने पर हुई चर्चा 

प्रशिक्षण सत्र को माननीय विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) बलौदाबाजार राकेश कुमार वर्मा ने संबोधित किया। उन्होंने नारकोटिक्स के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए नशे की मांग और आपूर्ति श्रृंखला को नियंत्रित करने की आवश्यकता बताई। साथ ही, एनडीपीएस मामलों की इंड-टू-इंड इन्वेस्टिगेशन और वित्तीय जांच पर जोर दिया।

अधिकारियों को दिए गए निर्देश 

कार्यशाला में अधिकारियों को त्रुटिरहित विवेचना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया ताकि दोषी व्यक्तियों को कानून का लाभ न मिल सके। सत्र के दौरान, पुलिस अधिकारियों ने एनडीपीएस और पॉक्सो अधिनियम से संबंधित प्रश्न पूछे। माननीय न्यायाधीश ने इन प्रश्नों के समाधान प्रस्तुत किए और विवेचना में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।

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